नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर “विभाजनकारी रणनीति” अपनाने का आरोप लगाया, क्योंकि उन्होंने यह पता लगाने के लिए देश भर की मस्जिदों में सर्वेक्षण कराने के प्रयासों का कड़ा विरोध किया कि क्या संरचनाओं के नीचे मंदिर मौजूद थे। खड़गे ने यह भी कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 के विरोध में हैं और इसका विरोध करना जारी रखेंगे।
बीजेपी से 2022 तक मोहन भागवत के बयान पर ध्यान देने के लिए कहते हुए, खड़गे ने आरएसएस प्रमुख का हवाला दिया, जिन्होंने कहा था, “हमारा उद्देश्य राम मंदिर का निर्माण करना था और हमें हर मस्जिद के नीचे एक शिवालय नहीं ढूंढना चाहिए।” उन्होंने इसका भी जिक्र किया पूजा स्थल अधिनियम 1991जिसे 1947 में मौजूद धार्मिक स्थलों की यथास्थिति बनाए रखने के लिए अधिनियमित किया गया था।
उन्होंने कहा, “एक (अदालत का) फैसला सुनाया गया, जिसने देश में पंडोरा का पिटारा खोल दिया है। अब, हर जगह सर्वेक्षण किया जा रहा है, मस्जिदों के नीचे मंदिरों का पता लगाया जा रहा है। इस संबंध में आवाजें बढ़ रही हैं।”
खड़गे की टिप्पणी उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा के मद्देनजर आई है, जहां एक मस्जिद में यह पता लगाने के लिए सर्वेक्षण किया जा रहा है कि क्या वहां कोई मंदिर था।
दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘संविधान बचाओ’ के बैनर तले दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक और आदिवासी परिषद द्वारा आयोजित ‘महारैली’ को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी कहते हैं ‘एक हैं तो सुरक्षित हैं’, लेकिन वे किसी को भी सुरक्षित नहीं रहने दे रहे हैं। आप एकता की बात करते हैं, लेकिन आपके कार्य इस बात को उजागर करते हैं। आपके नेता मोहन भागवत ने कहा है कि अब राम मंदिर बन गया है, यदि आप उनका सम्मान करते हैं तो और अधिक पूजा स्थलों की तलाश करने की आवश्यकता नहीं है शब्द, तो और कलह क्यों पैदा करें?”
खड़गे ने बीजेपी से पूछा कि क्या वह लाल किला, ताज महल, कुतुब मीनार और चार मीनार जैसी इमारतों को भी ध्वस्त करेगी, जिनका निर्माण मुसलमानों ने किया था।